एनएमसी द्वारा जारी नोटिफिकेशन से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले हजारों छात्र प्रभावित

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एनएमसी द्वारा जारी नोटिफिकेशन से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले हजारों छात्र प्रभावित अभिभावक नेशनल मेडिकल काउंसिल के 25 मार्च 2022 को जारी नोटिफिकेशन वापस लेने की कर रहे हैं मांग । 18 नंवबर 2021 को जारी गजट से भी अभिभावक चाहते हैं छूट, नए नियम से पढ़ाई का समय और अभिभावकों पर बढ़ेगा आर्थिक बोझ जंतर मंतर पर बड़ी संख्या में एकत्रित हुए अभिभावक

वर्तमान में फिलीपींस में एम.डी. की पढ़ाई कर रहे हजारों भारतीय छात्रों का करियर नेशनल मेडिकल कमीशन की 25 मार्च 2022 के एक नोटिफिकेशन के कारण प्रभावित हो रहा है। इसके विरोध में बड़ी संख्या में अभिभावक जंतर मंतर पर गुरुवार को प्रदर्शन करने आए। अभिभावकों का कहना है कि इस मामले में जल्द से जल्द भारत सरकार संज्ञान ले और 25 मार्च 2022 का नोटिफिकेशन वापस ले। यह नोटिफिकेशन न केवल छात्रों के कोर्स की अवधि बढ़ाता है बल्कि अभिभावकों को प्रतिवर्ष लगभग लाखों का अतिरिक्त खर्च भी डालता है। प्रदर्शनकारी एक अभिभावक का कहना है कि फिलीपींस की मेडिकल डिग्री को भारत मे एम.बी.बी.एस.के समकक्ष माना गया है। जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन के बाद अभिभावक नेशनल मेडिकल काउंसिल के बाहर भी विरोध प्रदर्शन करने गए। अभिभावकों का कहना है कि अधिकांश अभिभावकों ने अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए लोन लिया है। 25 मार्च 2022 के नोटिफिकेशन से उन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। नेशनल मेडिकल काउंसिल के नये मानदंडों से पीड़ित माता-पिता ने पीएमओ कार्यालय और तमाम भारतीय अधिकारियों से गुहार लगाई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री माननीय मनसुख मांडविया जी, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार के अलावा, पीड़ित माता-पिता ने व्यक्तिगत रूप से माननीय श्री नितिनजी गडकरी से अपील की है कि कृपया इस गंभीर मामले को देखें और पीड़ित छात्रों की शिकायतों का निवारण करें, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।अन्याय पूर्ण ढंग से लागू की गई नीतियों के कारण फिलीपींस में पढ़ने वाले सभी भारतीय मेडिकल छात्रों का करियर दांव पर है।

जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने पहुंचे अभिभावकों की अभिभावकों ने मांग की है कि कि सरकार कृपया मेडिकल कोर्स के कई उम्मीदवारों के करियर को प्रभावित करने वाले नेशनल मेडिकल काउंसिल के 18 नवंबर 2021 के सार्वजनिक गजट नियम संख्या 5(1) को तुरंत वापस लें और निरस्त करें। क्या है पूरा मामला प्रदर्शन में हिस्सा लेने आए एक अभिभावक ने बताया कि 2021 में नीट के परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद बड़ी संख्या में अभिभावकों ने फिलीपिंस के मेडिकल कॉलेजों में अपने बच्चों का मेडिकल में दाखिला करवाया। फिलीपिंस में यूएस का मेडिकल पैटर्न फॉलो किया जाता है। नीट के बाद भी वहां प्री मेडिकल कोर्स में एक से डेढ़ साल के लिए दाखिला दिया जाता है। उसके बाद वहां एमडी में दाखिला मिल जाता है। अभिभावकों ने बच्चों का दाखिला वहां प्री मेडिकल में ले लिया। उसके बाद नेशनल मेडिकल काउंसिलन ने 18 नवंबर 2021 को फारेन मेडिकल ग्रेजुएट के लिए एक अधिसूचना जारी की। इसमें इन छात्रों के लिए कुछ नियम बनाए गए जिसका पालन करने के बाद ही भारत आने पर उनको योग्यता प्रमाणपत्र मिल सकता है। अभिभावकों ने एनएमसी ये यह पूछा कि 18 नवंबर 2021 से पहले हमारे बच्चों का दाखिला फिलीपिंस में हुआ है तो यह नियम हमारे बच्चों पर लागू होता है कि नहीं, इसके जवाब में एनएमसी ने कहा कि नहीं लागू होता है। 4 जनवरी 2022 को भारतीय दूतावास ने भी एक एडवाइजरी जारी की कि 18 नवंबर 2021 से पहले प्री मेडिकल या एमडी करने वाले छात्रों को विशेष रूप से इस गजट से बाहर रखा जाना चाहिए। हालांकि 25 मार्च 2022 को नेशनल मेडिकल काउंसिल ने एक नोटिफिकेशन निकाला और 18 नवंबर 2021 से पहले भी दाखिला लेने वाले लोगों को के ऊपर इस नियम को आरोपित किया। 18 नवंबर 2021 को निकाले गए गजट के अनुसार बच्चों के ढाई साल पढ़ाई के बढ़ जाते हैं। अभिभावकों को लगा कि पढ़ाई फिलीपिंस में साढ़े पांच साल में पूरी हो जाएगी लेकिन नए नियम के अनुसार अब एमबीबीएस की यह पढ़ाई 8 साल में पूरी होगी। अभिभावकों की मांग है कि 25 मार्च 2022 का नोटिफिकेशन रद किया जाए और 18 नंवबर 2021 को जो गजट लागू किया गया है उससे अभिभावको को छूट मिले।

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