दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली जिला के साइबर थाने की पुलिस ने साइबर ठगों के एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है, जो फेसबुक पर भारतीय महिलाओं से फ्रेंडशिप कर उन्हें महंगे गिफ्ट और सामानों को भेजने का झांसा देकर कस्टम क्लियरेंस और अन्य चार्जों के नाम पर उनसे ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे। इस मामले में पुलिस ने 2 अफ्रीकी मास्टरमाईंड सहित कुल 4 ठगों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान, दार्जीलिंग, वेस्ट बंगाल के सचिन राय, ज़िगमी लामा, नाइजीरिया के स्मिथ हेनरी उर्फ गेब्रियल उदोम एतुक और विजडम ओकाफोर के रूप में हुई है। ये दिल्ली के वसंत कुंज स्थित कृष्णा नगर और बुराड़ी के संत नगर इलाके में रहते थे। इनके पास से 1 लेपटॉप, 14 मोबाइल, सिम कार्ड, चेकबुक-पासबुक और एटीएम कार्ड बरामद किया गया है।
गिफ्ट पैकिंग का वीडियो दिखा कर लिया भरोसे में : डीसीपी चंदन चौधरी के अनुसार, दक्षिणी जिले के साइबर पुलिस को दी गयी शिकायत में एक महिला शिकायतकर्ता ने बताया की कथित रूप से विदेश से भेजे गए महंगे सामानों के क्लियरेंस और ड्यूटी चार्ज के नाम पर उनसे साढ़े 27 लाख रुपये की ठगी की गई है। उन्होंने बताया कि फेसबुक पर एक अंजान शख्स ने उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। जिसके बाद, चैटिंग के लिए उसने अपना इंटरनेशनल वाट्सएप नम्बर उनसे शेयर किया। जिसके बाद वो फेसबुक और वाट्सएप के माध्यम से उससे चैटिंग करने लगी। धीरे-धीरे उसने उसे विश्वास में ले लिया। कुछ दिनों के बाद उसने, उन्हें एप्पल आईफोन, गोल्ड प्लेटेड रिस्ट वॉच आदि गिफ्ट देने का झांसा दिया और फिर पैकेजिंग और रिसीप्ट का वीडियो भेज कर उन्हें अपने विश्वास में ले लिया।
क्लियरेंस और ड्यूटी चार्ज के नाम और 27 लाख ठगे : कुछ दिनों के बाद उन्हें एक्साइज डिपार्टमेंट से कॉल आयी, जिसमें उन्हें पार्सल को रिलीज करने के लिए ड्यूटी चार्ज के भुगतान करने का निर्देश दिया गया। और अलग-अलग चार्जेस के नाम पर उनसे 27 लाख रुपये ऐंठ लिए गए। जब उन तक कोई पार्सल नहीं पहुंचा तो उन्हें ठगी का एहसास हुआ। जिसके बाद पर उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस को दी। इस मामले में साइबर थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए, एसीपी ऑपरेशन राजेश कुमार की देखरेख में एसएचओ साइबर पुलिस अरुण कुमार वर्मा के नेतृत्व में एसआई संजय सिंह, संदीप सैनी, हेड कॉन्स्टेबल रामबीर और अन्य की टीम का गठन कर जांच और आरोपियों की पहचान कर उनकी पकड़ के लिए लगाया गया था।
टेक्निकल एनालिसिस और ह्यूमन इंटेलिजेंस से एक मेंबर आया पकड़ में : जांच के दौरान, पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबूक और वाट्सएप से डेटा को कलेक्ट किया, साथ ही अलग-अलग शहरों के विभिन्न बैंक एकाउंट्स में ट्रांसफर किये गए पैसों की जानकारी प्राप्त की और उनका विश्लेषण किया। आखिरकार टेक्निकल और मैन्युअल सर्विलांस से पुलिस टीम को एक संदिग्ध सचिन राय का पता चला, जिसे पुलिस ने दबोच लिया। जिसने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वो प्री एक्टिवेटेड करेंट बैंक एकाउंट्स नाईजीरियन नागरिकों को बेचा करता है। आगे उसने बताया कि वो अपने फ्रेंड के साथ एक और प्री एक्टिवेटेड एकाउन्ट उन्हें देने के लिए जीटीबी एन्क्लेव जा रहा था।
2 नाईजीरियन किंगपिन सहित 4 गिरफ्तार : जिसके बाद पुलिस ने उससे मिली जानकारी के आधार पर टेक्निकल के साथ मैन्युअल सर्विलांस को एक्टिवेट किया और रात भर चली छापेमारी के बाद 2 नाईजीरियन किंगपिन सहित कुल 3 आरोपियों को दबोच लिया। उनके पास से लैपटॉप, 8 मोबाइल फोन, 6 बटन कीपैड मोबाइल, सिम कार्ड, एटीम कार्ड, बैंक पासबुक-चेकबुक बरामद किया गया।
सोशल मीडिया पर दोस्ती कर बनाते थे शिकार : आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर, फर्जी प्रोफाइल बनाते थे, और इसके बाद फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भारतीय महिलाओं से संपर्क कर उनसे दोस्ती करते थे। जब वो उनके झाँसे में आ जाती थी तो वो उन्हें विदेश से गिफ्ट भेजने का लालच दे कर कस्टम क्लियरेंस और एनओसी चार्ज के नाम पर ठगी को अंजाम देते थे। इसके लिए वो भारतीय बैंक एकाउन्ट का इस्तेमाल करते थे, जिसे इसके सहयोगी इसके लिए अरेंज करते थे।
इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, और आगे की जांच में जुट कर ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन्होंने अब तक कितने लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया है, और इनके गैंग में कौन-कौन शामिल हैं।
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